किसी दोस्त के भाई को टर्म insurance चाहिए. उसका भाई डॉक्टर है. उसे टर्म insurance चाहिए था लेकिन प्रीमियम वापस मिलने वाला. उसका मानना था कि मेहनत से की गई कमाई बेकार नहीं जानी चाहिए.
अगर वह टर्म insurance को लेकर जागरूक हो सकता है तो इसके बाद की जिम्मेदारी मेरी. तुषार ये पोस्ट तुम्हारे लिए.
आखिर प्रीमियम वापस मिलने वाला टर्म insurance क्यों नहीं लेना चाहिए.
अगर आप 30 साल के नॉन स्मोकर हैं और 50 लाख का बेसिक टर्म insurance लेते हैं तो प्रीमियम 10 हजार से 17 हजार रुपये के बीच आएगा. लेकिन आप प्रीमियम वापस पाने वाला ऑप्शन चुनते हैं तो प्रीमियम बनेगा करीब 30 से 40 हजार के बीच.
अब इसी को जरा टेबल के रूप में समझते हैं.
उम्र | टर्म | बेसिक टर्म insurance | रिटर्न ऑफ़ प्रीमियम | |
कवर | 25 साल | 25 साल | 10 लाख | 10 लाख |
प्रीमियम | 2800 | 9 हजार | ||
अंतर | 6200 | |||
मैच्योरिटी | कुछ नहीं | 226000 |
इन्वेस्ट अमाउंट | टर्म | रिटर्न @ 8 % | रिटर्न @ 10 % | रिटर्न @ 12 % SIP(Rs.517) |
6200 | 25 साल | 492000 | 612000 | 8,71,768 |
इस टेबल से यही समझ आ रहा है कि 6200 हर साल बचाकर अगर आप उसे कहीं अच्छे जगह में निवेश करते हैं तो वो आपको ज्यादा रिटर्न दे सकता है. लेकिन इसी बचे पैसे को एसआईपी के जरिये हर महीने 517 रुपये लगाते हैं तो वो बढ़कर 8,71,768 हो जायेंगे.
कहने का यह मतलब है कि प्रीमियम रिटर्न के चक्कर में पैसे ज्यादा भी देते हैं और जितना मिलना चाहिए उससे पैसे भी कम मिलते हैं.